Hardware & Networking – MS – DOS

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MS – DOS – Microsoft Disk Operating System

Dos एक ऐसा program होता है जिसकी सहायता से computer user द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करता है | अर्थात DOS को हम computer की आत्मा भी कहते है |

American company Micro Soft द्वारा बनाया हुआ MS – DOS आजकल सर्वाधिक लोकप्रिय है | यदि हमारे computer में Dos load है तो उसके द्वारा हम विविध कार्य कर सकते है |

Computer में MS – DOS load करने के लिए कम से कम 256 KB memory की आवश्यकता होती है |

DOS के कार्य

Dos का मुख्य कार्य Hardware and Software के बिच सम्बन्ध अस्थापित करना है | Dos का Installation होने के बाद पुनः computer on होने पर निम्नलिखित विशिष्ठ फाइलें खोजता है |

  1. Command. COM
  2. IO. sys
  3. MS Dos.sys

ये फाइलें computer को boot कराने वाली फाइलें होती है | अर्थात computer को boot कराने वाली disk में इन फ़ाइलों होना अनिवार्य है | इनमे से command. com एक समान्य file है | जबकि IO.sys, MS-Dos.sys hidden file होती है |

Booting

CPU का start button दबाने से एक निश्चित prompt आने तक की क्रिया को booting कहा जाता है | यह दो प्रकार का होता है |

  1. Cold Booting
  2. Warm Booting

Cold Booting

CPU के power button के द्वारा start करने को Cold Booting कहा जाता है |

Warm Booting

CPU के reset button अथवा keyboard के CTRL+ALT+DELETE key को एक ही साथ दबाकर पुनः start करने को Warm Booting कहते है |

Prompt

इसके द्वारा dos यह सूचित करता है की आपके द्वारा दिए गए निर्देशों सुचनावो को उस स्थान पर accept करने के लिए तैयार है जैसे –

CURSOR

Cursor एक झिलमिलाता हुआ एक ( Dais ) होता है | जो monitor screen पर अपनी स्थिति प्रदर्शित करता है User के द्वारा निर्देशों अथवा सुचनावो को cursor स्थिति पर ही भरी जाती है |

FILE

Disk पर record की हुयी सुचनावाओ को समूह की file कहते है | एक disk में अनेको file हो सकती है जिनका नाम अलग अलग हो सकता है | एक file name तथा extension से एक ही file एक disk में रह सकती है | extension भिन्न भिन्न होता है ताकि dos command उन्हें पहचान सके |

FILE NAME

यह एक प्रकार का level होता है जो file की पहचान करने के लिए लगाया जाता है ताकि उन्हें खोजने में आसानी हो | file name एक character या उससे अधिक character का हो सकता है |

Extention File

Extension file का वह भाग होता है | जिससे dos file का प्रकार पहचान सके यह ज्यादा से ज्यादा 3 character का हो सकता है जैसे – Text file के लिए ( TXT ) and batch file के लिए ( BAT ) |

File का नामकरण

New file का नामकरण करते समय निम्न बिन्दुवो का अनुकरण किया जाता है |

  1. File का name A से Z तक बड़े या छोटे अथवा 0 से 9 तक के अंक तथा विशेष चिन्ह जैसे – $, &, #, @, % से नामकरण किया जा सकता है |
  2. नाम के जगह ( space ) तथा यह चिन्ह नहीं आने चाहिए जैसे – ., /, ?, \, [, ], <, > ETC |
  3. फाइलों के नाम के लिए ग्यारह शब्द प्रयाप्त नहीं होते है लेकिन अन्य शब्दों के साथ मिलाकर इनका प्रयोग कर सकते है | AVX, COM1, COM2, COM3, COM4, LPT1, LPT2, LPT3, NUL, PRN ETC |
  4. ‘.’ का प्रयोग केवल विस्तारित name को जोड़ने के लिए ही और केवल एक बार ही होता है |

Wild Card

जब फाइलों के एक विशिष्ट समूह पर कार्य करना हो तो wild card का प्रयोग किया जाता है | यह दो प्रकार के होते है |

  1. ‘*’ Star
  2. ? Question Mark

‘*’ Star

Star का अर्थ सभी होता है | जैसे * * का अर्थ है वे सभी फाइलें जो directory में *.doc का अर्थ है वे सभी फाइलें जिनका नाम C से सुरु होता है चाहे कितना बड़ा हो विश्तारित name doc है |

? Question Mark

यह wild card का किसी एक character को चुनने के लिए होता है | जैसे – RAM?.doc में वे सभी फाइलें आयेंगी जिनमे RAM name के बाद एक अक्षर कुछ भी हो सकता है | name चार अक्षरों का होगा जैसे – RAM1.doc, RAM2.doc, RAM3.doc, |

Directory

किसी disk की निहित file की सूचि Directory कहलाती है | Directory is the collection of sub directories and files |